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Saturday, June 4, 2022

कजरी!

     पेरिस! फ्रांस कंट्री की केपिटल सिटी, जो दुनिया के सब से खूबसूरत शहरों में से एक मानी जाती है; अर्ट्स एंड फेंशन में भी ये बहुत आगे है।


    इस खूबसूरत शहर में सिर्फ खूबसूरत जगहें ही नहीं बल्कि खूबसूरत लोग भी रहते हैं, जिनमें से एक थी "ऐमिली" जो एक मोर्डल थी।


    एमिली अपनी खूबसूरती और अदाओं से हमेशा फेंशन की दुनिया में चर्चाओं का हिस्सा बनती थी,


    लेकिन वो फिर भी न जाने क्यों उदास और परेशान नजर आती थी, उसका खूबसूरत सा घर भी उसकी एक मुस्कुराहट पाने के लिए बैचैन सा रहता था, मगर एमिली सिर्फ अपने काम के वक़्त ही मुस्कुराया करती थी, जैसे वहां पर मुस्कुराना उसकी बहुत बड़ी मजबूरी हो!


    न तो एमिली का कोई खास दोस्त ही था और न ही कोई बॉयफ्रेंड! पर बनना बहुत से लोग चाहते थे, लेकिन एमिली तो जैसे अपनी उदासी के अलावा किसी को अपने दिल में रखना ही नहीं चाहती थी।


    ऐमिली को आज, बेस्ट मॉर्डन ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिलने वाला था, जिसके लिए वो अपने शानदार कमरे में मिरर के सामने बैठी तैयार हो रही थी, वो हमेशा खुद ही तैयार होती थी, उसका फेशन सेंस काफी जोरदार था,


    इतनी बड़ी मॉर्डन होने के बावजूद उसका ऐसा करना आश्चर्यजनक था लेकिन..


    कुछ ही देर में ऐमिली पूरी तरह तैयार थी, वो अपने फ़ेवरेट पिंक कलर की ड्रेस में बहुत खूबसूरत लग रही थी, ऐमिली साफ रंग की लड़की थी, उसका कद ऊंचा और बाल भूरे रंग के थे,


    "परफेक्ट लग रही हूं.." उदासी भरी आवाज में उसने खुदको आईने में देखा और बोली, इसके बाद उसने अपनी गर्दन दाई और मोड़ी, जहां दीवार पर उसके मॉम और डेड मिस्टर एंड मिजेस सक्सेना की फोटोज थीं..


    मिस्टर सक्सेना इंडियन थे और एमिली की मां पेरिस की, जो मिस्टर सक्सेना से शादी करने के बाद मिसेज सक्सेना बन गईं थी, ऐमिली ने थोड़ी खूबसूरती उसने भी चुराई थी, लग रहा था।


    उसने धीरे धीरे उस फ़ोटो की ओर कदम बढ़ाना शुरू किया और सामने खड़ी हो कर बोली - "मॉम! डेड! काश आप दोनों भी इस वक़्त मौजूद होते, और देखते कि आपकी बेटी ऐमी ने पेरिस का दिल जीत लिया है..." कहते हुए एमिली की आंखें नम हो गईं।


    "मॉम - डेड! पता नहीं मैं क्यों अब तक जिंदा हूँ?? न तो मैं कोई दोस्त बना सकती हूं और न ही किसी को अपनी फैमिली, जानते हैं आप! कितने अच्छे अच्छे लोग हैं मेरी टीम में? जो मेरे दोस्त बनना चाहते हैं, मुझ से अपनी ढेरों बातें शेयर करना चाहते हैं..और मैं..मैं भी तो यही चाहती हूं पर..." कहते हुए एमिली का गला भारी होने लगा, उसने अपना सिर लाचारी से झुकाया और अफसोस के साथ हिलाते हुए चुप हो गई।


    तभी उसका फोन बजा,


    उसने अपने आंसू एक नेपकीन से साफ किये और नाम देख कर कॉल एक्सेप्ट करते ही बोली - "मैं रेडी हूँ, आधे घण्टे में पहुँच जाऊंगी!" कह कर उस ने कॉल तुरंत कट कर दी।


    वो अपने खूबसूरत पर सूने घर से निकल कर उस शाम बाहर निकली और अपनी कार में बैठ कर पेरिस के सब से फेमस स्टूडियो के लिए निकल गई, जहां अवॉर्ड फंक्शन रखा गया था।


    वहां पहुँचते ही ऐमिली भीड़ से घिर गई, उसे सिक्योरिटी देने के लिए उसके गार्ड्स भी उसके पीछे ही गाड़ी से आये हुए थे, वो किसी को भी अपने बेहद नजदीक नहीं रहने देती थी,


    मीडिया वाले और आम जनता उसका एक ऑटोग्राफ पाने के लिए एक दूसरे को कुचल डाल रहे थे, मगर ऐमिली सिक्योरिटी के साथ स्टूडियो के अंदर चली गई, वो किसी को आंख भर कर देख भी नहीं सकती थी, उसने तो जैसे इस दुनिया में औपचारिकता करने के लिए ही जन्म लिया था।


    स्टूडियो के अंदर जाते ही, उसे कंग्रेचुलेशन्स कहने वाले भी काफी लोग मिले, जो बड़े बड़े लोग थे, कोई एक्टर तो कोई सिंगर तो कोई उसी की तरह के मोर्डल!


    पर ऐमिली ने उनके साथ बस कुछ ही सेकेंड्स हाई - हेलो की और वो अपनी जगह पर जा कर बैठ गई, फंक्शन जारी था,


    उसी के बाजू वाली सीट पर एक मेल सुपर मोर्डल रयान आ कर वहां बैठा, जो उसे बेहद पसंद करता था और हमेशा ही उस के करीब आने की कोशिशें करता रहता था, यू तो रयान के लिए गर्लफ्रेंड्स की कमी नहीं थी मगर वो हमेशा कुछ अलग और एक्सपेंसिव की तलाश में रहता था,


    और ऐमिली भी ऐसी ही थी।


    "हाई ऐमिली...!" रयान ने कहा।


    ऐमिली कहना तो कुछ भी नहीं चाहती थी पर..."हाई!"


    "मैं तुम्हारे लिए बहुत खुश हूं.." रयान बोला।


    "थेंक्स!" ऐमिली स्टेज पर चल रहे प्रोग्राम को देखते हुए बोली।


    "वैसे तुम मुझे शायद पसंद नहीं करतीं..." रयान ने यूंही कहा।


    ऐमिली ने रयान की तरफ देखा और फिर से सामने देखने लगी।


    "पर..पर..मैं..पर मैं तुम्हे..." रयान आगे कुछ कहता इस से पहले ही ऐमिली को स्टेज पर आने को कहा गया, और जब ऐमिली स्टेज पर पहुँची तो सारा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा, ऐमिली मुस्कुराई..


    एक यंग वुमन ने उसे एक ट्रॉफी दी और साथ ही कुछ कहने के लिए माइक भी...


    ऐमिली यू तो कहना कुछ भी नहीं चाहती थी, पर दूसरे  नजरिये से देखें तो बहुत कुछ...


    उसने माइक को अपने होठों के पास रखा, "गुड इवनिंग आल! ये ट्रॉफी, मेरी मेहनत से ज्यादा आप सब के प्यार की वजह से मेरे इन हाथों में हैं, मैं आप सबकी आभारी हूँ..लव यू!" कहते हुए उसे ऐसा लगा जैसे आज उसने किसी के लिए अपने दिल में बसा हुआ प्यार जाहिर किया हो, ये पहली बार था, जब उसे ऐसी फाइलिंग आयी, उसका चेहरा अब सच मुच खिला हुआ लग रहा था।


    लग रहा था बरसो से भीतर दबा हुआ कुछ आज बाहर निकल आया हो,


    अवॉर्ड मिलने के बाद रयान ने उसे प्रपोज करने की काफी कोशिशें की पर वो नहीं कर पाया!


    "क्या हुआ रयान! निकल गई न हवा, ये लड़की हाथ आने वाली नहीं है भाई! इस के पीछे पड़ने का मतलब है हवा को मुठ्ठी में भरने की बेवकूफी करना!" वाइन का गिलास लिये रयान का एक दोस्त अपने कुछ दोस्तों के साथ रयान के पास आ कर उसे चिढ़ाते हुए बोला।


    "हां! रयान..ये लड़की तो लड़कियों से भी ऐसे भागती है, जैसे उनमें कांटे लगे हों, मुझे तो समझ नहीं आता! ये आखिर बिना दोस्तो के जीती कैसे हैं..." साउथ की एक लड़की ने कह कर शराब को होठों से लगाया।


    "हेलिना, जोज! पता नहीं मैं ऐसा क्यों हूँ, मैं खुद भी उस को इग्नोर करना चाहता हूं पर ये दिल है कि..हार ही नहीं मानना चाहता!" रयान बेहद परेशानी के साथ बोला।


    "ये भी तो हो सकता है कि उसका कोई दूसरा बॉयफ्रेंड हो.." हेलिना ने संभावना जताई,


    "ओह्ह प्लीज हेलिना! अगर ऐमिली का कोई भी बॉयफ्रेंड होता तो मीडिया वाले उसका पता लगा लेते.." जोज ने कहा।


    "गाइस..! आज मैं सब कुछ क्लीयर कर लेना चाहता हूं, मैं ऐमिली को आज ही प्रपोज कर के रहूंगा।" रयान ने जैसे ठान लिया था, इसके बाद उसने सीधा अपनी कार निकाली और ऐमिली के घर की ओर बढ़ गया।


    ऐमिली अवॉर्ड पाने के कुछ देर बाद ही अपने घर निकल गई थी, लेकिन रास्ते में मौसम एक दम बदलने लगा था, तेज तूफानी हवाएं बारिश के आने का इशारा कर रहीं थीं, यूं तो ऐमिली को भी बारिश का मौसम पसंद था लेकिन वो बारिश शुरू होने से पहले ही घर पहुँचना चाहती थी, वो नहीं चाहती थी कि उसे रास्ते में कोई ऐसा मिले जो बारिश की वजह से उस से लिफ्ट मांगे, क्योकि उस के साथ ऐसा क़ई बार हो चुका है..


    पर वो कभी किसी को चाहते हुए भी लिफ्ट नहीं दे पाई, जब भी कोई उस से लिफ्ट मांगता वो कार की स्पीड और भी तेज कर लेती, जिसके बाद में उसे बेहद पछतावा होता।


    कुछ ही वक़्त में ऐमिली अपने घर पहुच गई थी, हल्की थकान के कारण आंखों को घेरती नींद के आगोश में पूरी तरह समा जाने के लिए, ऐमिली ने सीधा बेडरूम का रास्ता पकड़ा, वो सीढ़िया चढ़ ही रही थी कि उसे डोरबेल की आवाज सुनाई दी, ऐमिली का चेहरा हैरानी से सफेद पड़ गया।


    उसने तो आज तक अपने घर में किसी को घुसने भी नहीं दिया, फिर ये कौन था जो इतनी रात में डोरबेल बजा रहा था..??


    "क्या करूँ मैं...दरवाजा खोलूं या नहीं??"


    ऐमिली सोच ही रही थी, पर अचानक डोरबेल की आवाजें लगातार सुनाई देने लगीं।


    "एक काम करती हूं, देख लेती हूं कि कौन है..फिर किसी बहाने से बाहर से ही बाय बोल दूंगी.." ऐमिली ने फैसला किया, लेकिन अभी भी वो श्योर नहीं थी, उसके कदम दरवाजे की ओर बढ़ते हुए कांप से रहे थे।


    "खट खट! खट खट खट खट खत...!" लग रहा था आगंतुक दरवाजा तोड़ कर ही दम लेगा।


    ऐमिली ने हिम्मत जुटाते हुए कदम तेजी से बढ़ाये और एक गहरी सांस छोड़ते हुए उसने दरवाजा खोला, दरवाजा खोलते ही उसकी आंखें फट पड़ीं,


    "तू..तू..तुम????" ऐमिली हकलाई।


    "ऐ..में..ऐमे...ली...., वो..वो एक्चुअली! बारिश..बारिश की वजह से मेरी कार रास्ते में ही खराब हो गई, इसलिए मुझे तुम्हारे घर तक पैदल...पैदल..ही आना पड़ा!" सामने खड़ा रयान बुरी तरह भीगा हुआ था, उसके कपड़े निचुड़ रहे थे, और वो ठंड से कांप रहा था, उसकी नाक एक दम लाल हो गई थी।


    "बट..तुम इतने जल्दी मेरे घर कैसे पहुँचे??? कार खराब होते ही, और मेरे घर का एड्रेस..??" ऐमिली की आंखें रयान को नीचे से ऊपर तक हैरानी से निहार रहीं थीं।


    रयान जरा झेंपा, "अब क्या..क्या..सारे सवाल..दरवाजे पर ही...पू...पूछ.. लोगी.. ऐमिली??? मुझे..मुझे..बहुत ठंड लग..रह..रही है..अंदर..चल..कर..बात..करें???" कांपती जुबान से बोला।


    "नो..." कहते हुए ऐमिली की आंखें डर के मारे बाहर को आ रहीं थीं।


    रयान चौका...


    "वो..वो..मेरा मतलब ये है कि..तुम्हे तो इस वक़्त अपने घर जाना चाहिए न! वहां जा कर तुम अपने गीले कपड़े बदल सकते हो, यहां तो तुम्हे इन्ही कपड़ो में..बैठना पड़ेगा.." ऐमिली अपना स्वभिमान सम्भालते हुए बोली।


    रयान ने हल्की सी मुस्कुराहट और जरा से अफसोस के साथ सिर हिलाया और वो अपनी कपकपाहट के साथ बाहें सहलाते हुए अंधाधुन्ध ऐमिली के घर में घुस गया...


    "ये...ये..ये क्या किया तुमने???" ऐमिली की आवाज में किसी खौफ की दस्तख भी थी।


    रयान को जैसे उसकी किसी बात का कोई फर्क ही नहीं पड़ा, वो अंदर घुसा और एक कमरे में चला गया,


    ऐमिली का चेहरा पसीना - पसीना हो गया था,


    "ओ गॉड..अब..अब..क्या होगा??" अपने बालों को खिंचते हुए वो बोली।


    "हे ऐमिली..." रयान ने हल्का सा दरवाजा खोला और ऐमिली को पुकारा।


    ऐमिली की नजर उसकी ओर दौड़ी,


    "प्लीज, मुझे एक टोविल दे सकती हो..??" रयान ने मुस्कुरा कर कहा।


    "नो...नो रयान...प्लीज..." कहते हुए ऐमिली रयान की ओर भागी, शायद वो चाहती थी कि वो रयान को अब भी घर से बाहर फेंक सकती है, मगर रयान ने तुरंत दरवाजे बंद कर लिए।


    ऐमिली थक कर सोफे पर बैठ गई,


    "न जाने क्या होने वाला है??" ऐमिली मन में ही बुदबुदाई, उसका चेहरा परेशानियों से लबालब था।


    करीब दस मिनट बाद रयान बाहर आया, उस ने कमर से एक चादर लपेटी हुई थी, अब वो बिल्कुल ऐसा लग रहा था जैसे वो नहा कर बाहर आया हो।


    "क्या यार ऐमिली! तुम्हे तो अपने गेस्ट्स का वेलकम करना भी नहीं आता।" रयान ने मुश्कुराते हुए कहा और उसके सामने जा कर बैठ गया।


    ऐमिली ने गुस्से से उस की तरफ देखा।


    "अरे..अरे...तुम..तुम तो मुझे ऐसे देख रही हो जैसे मैंने किसी का मर्डर कर दिया हो?? मैं पूरी तरह गीला था, कांप रहा था मैं! अगर इस हालत में मैं अपने घर लौटता तो शायद आज ही मेरी डेथ सेरेमनी मना ली जाती.." कह कर रयान हँसा, और शायद वो ये भी चाह रहा था कि ऐमिली भी उसकी बात पर हँसे, लेकिन ऐमिली तो गुस्से से लाल-पीली नजर आ रही थी।


    "मैं जान सकती हूं कि तुम मेरे घर क्यों आये?? क्या जरूरत थी तुम्हे यहां आने की???" ये आवाज शायद पहली बार ही रयान ने ऐमिली की सुनी थी, उस ने आज से पहले ऐमिली को इतने गुस्से में कभी नहीं देखा था।


    रयान ने ऐमिली के गुस्से और पूछे गए सवाल को पूरी तरह से इग्नोर कर दिया, हाँ! इसके पहले वो जरूर सीरियस हुआ था,


    "ऐमिली! एक हॉट कॉफी मिल जाती तो..." रयान ने जैसे रिक्वेस्ट की।


    "ओ.....सेड अप.....!!!!" ऐमिली अपनी जगह से उठ कर तेजी से खड़ी हो कर दहाड़ी! "मैं तुमसे कुछ पूछ रहीं हूँ, उसका जबाब क्यों नहीं देते??? मैं तुम्हे पागल लगती हूँ क्या?? जो लगातार मुझे इग्नोर कर रहे हो...." ऐमिली का ये गुस्सा देख कर रयान सोफे से सट गया, वो उसे बेहद हैरानी से देख रहा था।


    "तुम...तुम तो..तुम तो...काफी ज्यादा पैनिक हो रही हो ऐमिली, क्या..क्या मैं एक दोस्त होने के नाते.., तुम से..तुम से मिलने नहीं आ सकता था???" हकलाते हुए रयान ने कहा।


    "नहीं...बिल्कुल भी नहीं आ सकते थे तुम??? क्योकि तुम मेरे दोस्त नहीं हो, तुम तो क्या....कोई भी इस दुनिया में मेरा दोस्त नहीं है....., मैं तुमसे रिक्वेस्ट करती हूं, इसी वक्त यहां से निकल जाओ वरना..." गुस्से से आगबबूला ऐमिली की आंखें कब नम और आवाज कब नरम हो गई ये समझ ही नहीं आया।


    पर रयान ऐमिली की हालत अच्छी तरह समझ रहा था, वो समझ रहा था कि जरूर ऐमिली की कोई मजबूरी है, वरना वो किसी के साथ भी ऐसे पेश नहीं आती जैसे उसके साथ आ ही है।


    ऐमिली के हाथ रयान के सामने जुड़े हुए थे और उसकी आंखें बंद थी, चेहरा उदासी और लाचारी से भरा हुआ था।


    रयान ने अपनी पीठ सीधी की और खड़ा हुआ, उसने ऐमिली की जुड़ी हुई हथेलियों को प्यार से अपनी अंजलियो में भरा और उसे सोफे पर बैठा कर उसके सिर को सहलाने लगा,


    "प्लीज चले जाओ रयान!" ऐमिली ने लगभग रोते हुए कहा।


    "चला जाऊंगा ऐमिली, मैं अभी चला जाऊंगा, लेकिन! क्या तुम प्लीज मुझे एक बात बताओगी?? प्लीज..." रयान ने विनती भरे सवार में पूछा।


    ऐमिली ने रयान की आंखों में देखा,


    "ऐमिली! मैं जानता हूँ कि तुम्हारी कोई फेमिली नहीं है, कोई दोस्त नहीं है, और तुम...हमेशा ही अकेली नजर आती हो?? सच कहूं तो मैं तुम से शादी करना चाहता हूं, तुम्हे एक फेमिली देना चाहता हूं और एक ऐसी जिंदगी देना चाहता हूं जो हर इक इंसान की होती है, जिसमें सिर्फ उदासी नहीं, बल्कि..उदासी और खुशी दोनों ही वक़्त वक़्त पर रहती हैं,


    मैं तुम्हे फोर्स नहीं कर रहा हूँ, न ही तुम से कुछ एक्सपेक्ट! लेकिन मैं तुम्हारी उदासी की वजह जानना चाहता हूं??


    क्या तुम्हें किसी ने धोखा दिया है, जिसके कारण तुम अब तक अपसेट रहती हो, या फिर..या फिर कोई और रीजन है..???


    मैं आशा करता हूँ कि तुम मुझे सच बताओगी!"  अपनी बात बड़े ही नरम अंदाज में कह कर रयान चुप हो गया।


    ऐमिली ने पलके झपकाई,


    "रयान..., मैं जानती हूं कि जब तक तुम सच नहीं जानोगे, तुम मेरे करीब आने की कोशिशें करते रहोगे, इसलिए जो बात मैंने आज तक किसी से नहीं कही वो तुम से कह रही हूं, लेकिन वादा चाहती हूं कि तुम...कि तुम ये बात किसी को नहीं बताओगे!" ऐमिली ने रयान के हाथों को अपनी हथेलियों में भरा।


    रयान बेहद गंभीर था,


    "रयान! मेरे मॉम डेड किसी कार एक्सीडेंट में नहीं मारे गए थे, बल्कि....बल्कि उन दोनों को एक सुपर पावर ने मारा था!" कहते हुए ऐमिली की आंखें और गला भर आया।


    "सुपर पावर...??" रयान ने कन्फ्यूजन के साथ कहा।


    "हाँ.. एक सुपर पावर! जो आज भी है...," ऐमिली ने कहा।


    "पर..पर ऐसा हुआ क्या था?? इसकी कोई वजह तो रही होगी न!" रयान ने इंटरेस्ट लेते हुए कहा।


    "हम्म...वजह थी, मेरे डेड..मेरे डेड न तो गॉड पर विश्वास रखते थे और न ही किसी बुरी शक्ति पर,


    वो सिर्फ साइंस को ही मानते थे, और भगवान और शैतान का मजाक उड़ाना तो जैसे उनकी हॉबी थी, पर मेरी मॉम ऐसी बिल्कुल भी नहीं थीं, उन्हें परमात्मा और बुरी आत्माओं पर विश्वास था,


    मॉम हमेशा डेड को समझातीं थीं कि वो किसी का भी मजाक न उड़ाए, अगर विश्वास नहीं तो न सही पर..मजाक!


    लेकिन डेड, उनकी बात कभी नहीं माने,


    और फिर एक दिन..." ऐमिली अपनी कहानी सुनाती जा रही थी, और रयान बड़े ध्यान से उसकी कहानी सुन भी रहा था, मगर वो बार - बार किसी चीज से डिस्टर्ब हो रहा था, कभी वो सामने वाले कमरे की लाइट बुझता देखता तो कभी अचानक ही उसका जल जाना और फिर एक पल में बुझ जाना,


    कभी उसे किचन से बर्तनों के गिरने पड़ने की आवाजें सुनाई देतीं तो कभी ऐसा लगता जैसे किसी ने पीछे से उसके कंधों पर हाथ रखा है,


    लेकिन शायद ऐमिली ये सब बिल्कुल महसूस नहीं कर पा रही थी,  वो अपनी कहानी पूरी ईमानदारी से सुनाए जा रही थी, उसकी नजरे रयान पर नहीं थी।


    "एक दिन मेरे डेड, मेरी मॉम को, उनकी वेडिंग एनिवर्सरी पर कहीं घुमाने गये, पर मुझे मेरी  नानी जी के पास ही छोड़ गए..और.. और वो ही दिन! वो ही दिन मेरे मॉम डेड को मुझ से कहीं दूर ले गया!"कहते हुए ऐमिली अपने आप को रोक नहीं आयी और वो फबक फबक कर रोने लगी।


    रयान ने उसे गले लगाया और सहलाते हुए बोला - "प्लीज ऐमिली! रिलेक्स..."


    रयान ने कहा ही कि तभी उसने महसूस किया, कोई उसकी आँखों के सामने से हवा की तरह निकला..उसने उसे भी वहम समझ कर इग्नोर कर दिया।


    "एक मिनिट...मैं तुम्हारे लिए पानी ले कर आता हूँ..." रयान ने ऐमिली के आंसू पोछते हुए कहा और खड़ा होने लगा,


    "नो..नो रयान! तुम..तुम..यही रहो!" ऐमिली ने कुछ सोचते हुए उसे दोबारा बैठा लिया,


    "तुम जानते हो, मेरे डेड मेरी मॉम को उस रात कहाँ ले गए थे घुमाने के लिए???" ऐमिली ने गहराई में जाते हुए कहा।


    रयान ने न में एक दम धीरे से सिर हिला दिया,


    "वो इंडिया का सब से डरावना श्मशान माना जाता था, वहां सिर्फ लोग दोपहर में ही जा सकते थे, पर रात में, रात में वहां जाने का मतलब था...एक ख़ौफ़नाक मौत!" कहते कहते ऐमिली के चेहरे पर पसीने की बूंदे उभरने लगीं।


    "इंडिया मतलब?? तुम्हारे डेड तुम्हारी मॉम को पेरिस से इंडिया ले गए थे, वो भी सिर्फ एक कब्रिस्तान दिखाने के लिए???" रयान ने कहते हुए खिल्ली उड़ाई,


    "सिर्फ कब्रिस्तान कहने की भूल मत करो रयान उसे..?? उस ने मेरे मॉम - डेड को निगला है..और मेरी पूरी लाइफ को भी!" कहते हुए ऐमिली जैसे तड़फ उठी!


    "ओह.. ओ सॉरी...पर इंडिया???" रयान ने खींचा।


    "तब हम इंडिया में ही रहते थे, पेरिस में नहीं! पेरिस तो मुझे मेरी नानी ले कर आयीं थीं, क्योकि..क्योकि मेरे मॉम डेड को खा जाने के बाद उस..उस औरत की आत्मा मुझे...मुझे भी..." कहते कहते ऐमिली की सांस फूलने लगी,


    "लगता है तुम काफी डरी हुई हो, तुम्हे पानी की जरूरत है ऐमिली, मैं आता हूँ रुको तुम!" रयान ने कहा और उठने लगा,


    पर इस बार भी ऐमिली ने उसे रोक लिया, लग रहा था वो उसे किचन में जाने ही नहीं देना चाहती,


    "तुम..तुम मुझे बार बार रोक क्यों रही हो ऐमिली! तुम्हे पानी की जरूरत है, कहीं तुम बेहोश हो गई तो..." रयान चिंता जताते हुए बोला।


    "प्लीज तुम मेरी चिंता मत करो रयान! तुम मेरी पूरी बात जल्द से जल्द सुन लो और निकल जाओ यहां से, ये जगह तुम्हारे लिए इस वक़्त बिल्कुल भी सेफ नहीं है, खास कर मेरे साथ..." ऐमिली ने कहा।


    "ओके..ओके..! बोलो.." रयान ने खुदको रिलेक्स दिखाया।


    "देखो रयान! उस कब्रिस्तान में क्या हुआ, ये तो कोई नहीं जानता..लेकिन जब मेरे मॉम डेड की लाशें वहां मिली और उनका पोस्टमार्टम हुआ तो रिपोर्ट में ये आया कि वो एक सामान्य मौत से मरे हैं, ऐसा कैसे हो सकता है तुम ही बताओ..सिर्फ मेरे मॉम डेड ही नहीं बल्कि, कईं लोग वहां मरे हैं और उनकी रिपोर्ट्स में भी यही था!


    कहाँ जाता है कि उस कब्रिस्तान में, एक औरत को उसकी अपनी ही फेमिली ने जिंन्दा जला दिया था, क्योकि वो एक आदमी से प्यार करती थी और जिस वक्त ये सब हुआ उस वक़्त प्यार-मोहोब्बत जैसी चीजों को अपराध माना जाता था, उनकी बदनामी न हो इसलिए उन्होंने कबिस्तान में उस औरत को..." ऐमिली ने कहा।


    "तुम मेरी बात सुन तो रहे हो न रयान! मैं काफी देर से देख रही हूं तुम्हारा ध्यान मेरी बातों पर नहीं बल्कि कहीं और ही है..." रयान को यहां वहां देखते हुए ऐमिली रुक गई और फिर उसने अपने दिल की बात पूछी।


    "नहीं...मैं..मैं तुम्हे ही सुन रहा हूँ," रयान ने यकीन दिलाते हुए कहा।


    ऐमिली ने एक बार यहां वहां देखा और तसल्ली कर लेने के बाद बोली,


    "इसलिए रयान! उस कब्रिस्तान में रात के वक़्त जाने वाले लोग ही नहीं बल्कि उस इंसान का पूरा परिवार मारा जाता था, और ये बात मेरी नानी बखूबी जानती थीं, इसलिए वो मेरे मॉम डेड के मरने के बाद मुझे पेरिस ले आयी, लेकिन वो भी मुझे छोड़ कर जल्द ही गुजर गईं..." ऐमिली एक बार फिर निराश हो गई,


    "अब मेरी बारी है रयान.., तुम जानते हो, मेरी नानी ने मेरे हाथ में एक धागा बांधा था, जिसकी वजह से मैं आज तक जिंदा हूँ, बस उसे हर साल फादर से पवित्र करवाना होता है, लेकिन एक बहुत बड़ी समस्या है, इस धागे को उतारने पर वो चुड़ैल मुझे मार देगी, और अगर इस धागे को पहने रखने के साथ मैंने किसी से कोई भी रिश्ता बनाया, दोस्त का, बहिन का, पति का या कोई भी..तो ये धागा खंडित हो जाएगा, इसकी सारी पावर्स खत्म हो जायेंगी।" कहते हुए एमिला का चेहरा सख्त हो गया,


    कुछ देर के मातम सा पसर गया,


    और अचानक ही उस सन्नाटे को चीरती हुई एक जोरदार ठहाका गूंज उठा,


    ऐमिली रयान को इस तरह हँसते देख बुरी तरह हैरान थी।


    "तुम..तुम..तुम हँस रहे हो रयान..." ऐमिली ने कहा।


    "तो.....तो और क्या करूं?? क्या करूँ और ऐमिली! तुम एक मॉडर्न हो कर इन सब बातों पर विश्वास रखती हो???" हँसते हुए रयान बोला, वो हँस हँस कर इतना पागल हो गया था कि उसकी आँखों में पानी झलकने लगा था।


    "तुम्हे ये सब फालतू लगता है न! फालतू लगता है न तुम्हे??? तो ठीक है..., इसी वक्त मुझे एक किस करो और अपनी वाइफ बना लो..और जब हम दोनों मर जाये और हमारे बाद तुम्हारी सारी फेमिली तब, तब तुम यकीन कर लेना, मरने के बाद यकीन कर लेना तुम..." ऐमिली गुस्से से आगबबूला होते हुए बोली, और सोफे पर धड़ाम से बैठी,


    वो काफी टेंशन में थी,


    रयान ने उसे सॉरी बोला, और इस के बाद उसे किस करने की कोशिश करने लगा, पर तभी ऐमिली ने उसे धकेल दिया,


    "निकल जाओ यहां से रयान! तुम्हे यकीन नहीं है पर मुझे है यकीन, मेरी नानी ने कभी मुझ से कोई भी झूठ नहीं बोला है, मैं मरने से नहीं डरती! आखिर मैं क्यों डरूँ, मगर मैं उस भूतनी को हमेशा के लिए खत्म करना चाहती हूं, मैं उस से बदला लेना चाहती हूं अपने मॉम डेड की मौत का, और उन लोगो को बचाना चाहती हूं जो निर्दोष हैं, जो गलतीं से या मर्जी से उस कबिस्तान में रात के वक़्त चले जाते हैं..., और फिर रयान! अगर तुमने मुझसे कोई भी रिश्ता बना लिया न तो, तो मेरे साथ साथ तुम और तुम्हारी पूरी फैमिली भी मारी जाएगी, मैं जानती हूं कि तुम्हारी बहुत बड़ी और खुशहाल फेमिली है,, कम से कम उन के लिए मेरी बात मान लो, चले जाओ यहां से!" अपनी बात पूरी करते करते ऐमिली के हाथ एक बार फिर रयान के सामने जुड़ गए।


    "ओके..ओके..ऐमिली, रिलेक्स!" कहते हुए रयान विश्वास जताते हुए एमिली के एक दम नजदीक आ कर दोनों हाथों से उसके बाल सहलाने लगा, ऐमिली उस के हाथों को हटाने ही जा रही थी कि तभी......


    रयान ने ऐमिली के होठों को चूम लिया, "योर माय वाइफ!" रयान ने मुस्कुरा कर कहा,


    ऐमिली का चेहरा सफेद पड़ गया, कुछ देर व्व उसे यूंही देखती रही और एक पल्क बाद उसने रयान के लाल पर एक जोरदार झांपड रसीद कर दिया।


    मगर रयान कुछ कर पाता या कह पाता उसके पहले ही सारे घर की लाइट्स बिगड़ने लगी, दरवाजे और खिड़कियां हवा के तेज थपेड़ों से आपस में टकराने लगीं,


    और माहौल में एक अजीब सी आवाज गूंजी...."कजरी..! कजरी..कजरी..किसी को नहीं छोड़ेगी!" ये आवाज बेहद बारीक और खामोश सी थी, जिसका तीखापन, इस वक़्त रयान और ऐमिली की धड़कने भारी कर रहे थे,


    "कौन..कौन है यहां पर..?? मैं..जानता हूँ, ये मेरे साथ कोई मजाक है..?? बहुत देर से महसूस कर रहा हूँ मैं तुम्हारी ये हरकते!


    मेरा नाम रयान है, मैं मजाक को एक हद तक ही बर्दास्त करता हूँ समझे तुम??? मैं कहता हूं सामने आये जो भी है...वरना..." रयान हवा में चेतावनी देते हुए बोला, वो काफी गुस्से में भी लग रहा था।


    तभी कुछ ऐसा हुआ कि ऐमिली की भयानक चींख निकली,


    रयान के गले में बड़े बड़े नाखूनों के घुसने जैसे निशान बनने लगे, और उसकी गर्दन से जैसे खून की नदियां बह निकली, रयान की आंखें फट पड़ी..हाथों से जैसे जान सी छूटने लगी, एक वक्त में रयान का शरीर जमीन पर धड़ाम से गिरा, उसके हाथ पैर फड़फड़ाते फड़फड़ाते आहिस्ता आहिस्ता शांत हो गए, उसकी गर्दन एक ओर को झूल गई, पर उसकी आंखें फटी की फटी ही रहीं।


    रयान मर चुका था,


    और अब बारी थी ऐमिली की, जो अपनी जिंदगी में कामयाबी पा कर भी अपनी जिंदगी को हँसते-मुश्कुराते हुए नहीं जी पायी थी, जो मौत आज उसे गले लगाने आयी थी, इसी मौत ने दूर रहते हुए भी किसी लाश सा बना रखा था, इसी डर ने उसे अपनी खूबसूरत जिंदगी से दूर रखा।


    "कजरी...कजरी..कजरी..किसी को नहीं छोड़ेगी!" एक बार फिर एक भयानक और पतली आवाज सरसराती हुई ऐमिली के कानों से टकराई, लेकिन...


    ऐमिली का दिल अचानक से रुक गया, उसका हाथ उसकी छाती पर गया और उसे बहुत जोर से उसे थामा, मगर..


    वो इस डरावने हादसे को बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसे एक ही हार्ट अटैक ने निगल लिया,


    उसकी खूबसूरत देह भी धरती पर बिछ गई,


    कभी बुझती और कभी जलती लाइट, अचानक से पूरी तरह बुझ गई।


    सूना घर, फिर से सूना और खामोश हो गया!


    "कटेट..कटेट! वेरी...वेरी इमोशन सीन...ओ माय गॉड.." लाइट्स जल उठीं, ऐमिली उठ कर खड़ी हुई और साथ ही रयान भी,


    "माय गॉड! मैं तो थक गई डायरेक्टर साहब, ये स्टोरी किस बेबकुफ़ राइटर से लिखवा कर लाये हैं आप!" ऐमिली जा कर एक चेयर पर बैठी और उसने कॉक मुँह से अड़ाया, एक लड़की उसके  आ कर उसके पसीने को एक सॉफ्ट कपड़े से पोछने लगी।


    "सच कह रही है तान्या! मेरी तो महसूस करने की एक्टिंग में ही गर्दन टूटने लगी।" रयान भी जा कर एक चेयर पर बैठ गया, और अपनी गर्दन को लेफ्ट राइट करने लगा।


    ये एक शूटिंग का सूट था, कहाँ सूट खत्म होते ही सभी लोग पेरिस की काल्पनिक दुनिया से निकल कर अपने भारत में वापस आ गए थे, कोई कैमेरा हताल रहा था तो कोई सोफे आदि!


    "ये फ़िल्म जब रिलीज होगी न तान्या मैडम और अजय सर! तो लोग...आप लोगो की तारीफों में लेटर्स के साथ साथ गिफ्ट्स और गुलदस्तों की भी भीड़ लगजे देंगे।" डायरेक्टर ने मुश्कुराते हुए कहा।


    तभी डायरेक्टर ने वही तीखी और डरावनी आवाज महसूस की, "कजरी..कजरी..कजरी किसी को नहीं छोड़ेगी!" डायरेक्टर के पसीने छूट गए और वो अपनी जगह परबर्फ सा जम गया।


    लेकिन तभी एक जोर दार हँसी गूंजी, और उसी के साथ साथ पूरा सेट भी हँसी से लबालब हो उठा,


    डायरेक्टर की पीठ के पीछे से ये आवाज कहानी की लेखिका साहिबा निकाल रही थीं।


    डायरेक्टर ने अपनी सीढ़िया चढ़ती साँसों को संभाला, और लगभग हांफते हुए बोले - "हमारी कहानी की हिरोइन को तो असलियत में हार्ट अटैक नहीं आया, पर..पर तुम मुझे जरूर हार्ट अटैक दिलवा देतीं।"


    समाप्त!


लेखिका - सुरभि गोली (मौलिक रचना)


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